●जोगीमारा गुफ़ाएँ-
जोगीमारा गुफाएँ छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक हैं। ये गुफ़ाएँ अम्बिकापुर (सरगुजा ज़िला) से 50 किलोमीटर की दूरी पर रामगढ़ स्थान में स्थित है। यहीं पर सीताबेंगरा, लक्ष्मण झूला के चिह्न भी अवस्थित हैं। इन गुफ़ाओं की भित्तियों पर विभिन्न चित्र अंकित हैं। ये शैलकृत गुफ़ाएँ हैं, जिनमें 300 ई.पू. के कुछ रंगीन भित्तिचित्र विद्यमान हैं।
●निर्माण काल-
चित्रों का निर्माण काल डॉ. ब्लाख ने यहाँ से प्राप्त एक अभिलेख के आधार पर निश्चित किया है। सम्राट अशोक के समय में जोगीमारा गुफ़ाओं का निर्माण हुआ था। ऐसा माना जाता है कि जोगीमारा के भित्तिचित्र भारत के प्राचीनतम भित्तिचित्रों में से हैं। विश्वास किया जाता है कि देवदासी सुतनुका ने इन भित्तिचित्रों का निर्माण करवाया था।
●चित्रों की विषयवस्तु-
चित्रों में भवनों, पशुओं और मनुष्यों की आकृतियों का आलेखन किया गया है। एक चित्र में नृत्यांगना बैठी हुई स्थिति में चित्रित है और गायकों तथा नर्तकों के खुण्ड के घेरे में है। यहाँ के चित्रों में झाँकती रेखाएँ लय तथा गति से युक्त हैं। चित्रित विषय सुन्दर है तथा तत्कालीन समाज के मनोविनोद को दिग्दर्शित करते हैं। इन गुफ़ाओं का सर्वप्रथम अध्ययन असित कुमार हलधर एवं समरेन्द्रनाथ ने किया।